तीन साल से बिना स्कूल आए वेतन ले रही थीं दो शिक्षिकाएं .

 प्रतापगढ़ । बेसिक शिक्षा विभाग में एक और फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ है। बाबागंज ब्लाक में दो ऐसी शिक्षिकाए मिली है जो तीन साल से स्कल नहीं आ रही हैं। न ही रजिस्टर में उनका नाम है, मगर वेतन हर माह उनके खाते में पहुच रहा था। वह इसके एवज में एबीआरसी और एनपीआरसी का माटा रकम दता था। बाएसए को मोटी रकम देती थीं। बीएसए ने दोनों शिक्षिकाओं को सेवा समाप्ति का नोटिस देने के साथ ही एबीआरसी, एनपीआरसी को निलंबित कर दिया है। बाबागंज विकास खड क प्राइमरा स्कूल विकास खंड के प्राइमरी स्कूल पूरेचेतीराम में तैनात रेनू मिश्रा और समा तौफीक सहायक अध्यापिका के रूप में तैनात हैं। इन शिक्षिकाओं का नाम और फोटो उपस्थिति रजिस्टर में नहीं था, मगर वेतन का भुगतान हर हो रहा था। दरअसल समा तौफीक प्राइमरी स्कूल पसढ़ीहार में तैनात थीं, मगर इस स्कूल से संबद्ध करके वेतन का भुगतान किया जा रहा था। इसी स्कूल में ही एनपीआरसी राजश कुमार राम राजेश कुमार मिश्रा की भी तैनाती थी। विकास खंड में बनने वाले वेतन बिल की जिम्मेदारी एबीआरसी सुरेंद्र कुमार पांडेय पर थी। एबीआरसी और एनपीआरसी एबाआरसा के खेल में पिछले तीन साल से यह शिक्षिकाएं बगैर स्कूल आए ही वेतन उठा रही थीं। मंगलवार को मनगढ़ से लौट रहे बीएसए अचानक प्राइमरी स्कूल पूरेचेतीराम पहुंच गए। उन्होंने स्कूल में मौजूद एनपीआरसी राजेश कुमार मिश्र से तहकीकात की तो थोड़ी ही देर में वह टूट गए और वास्तविकता सामने आ गई। बीएसए बीएन सिंह ने बताया कि एबीआरसी सुरेंद्र कुमार पांडेय और एनपीआरसी राजेश कुमार मिश्र को निलंबित करते हुए दोनों शिक्षिकाओं को सेवा समाप्ति का नोटिस दिया गया है। बाबागंज विकास खंड के प्राइमरी स्कूल पूरेचेतीराम ही नहीं, बल्कि और ब्लाकों में ऐसे कई विद्यालय हैं, जहां शिक्षक नेताओं ने स्कल नहीं आने वाले अध्यापकअध्यापिकाओं का ठेका ले रखा है। अगर जिला प्रशासन गंभीरता से जांच कराता है, तो कई शिक्षक नेताओं की नौकरी खतरे में पड़ सकती है। बीएसए बीएन सिंह की मानें तो पहली बार इस तरह के मामले का खलासा हआ है। उपस्थिति रजिस्टर में टीचरों की फोटो लगाना अनिवार्य किया गया है. मगर फोटो और नाम इसीलिए नहीं लिखा जाता है कि औचक निरीक्षक होने पर अधिकारी उस टीचर को न पछे और चोरी छिपे वेतन निकल जाए।